ध्यान पुर धाम: संतान प्राप्ति का दिव्य स्थान — सही मार्ग, स्नान विधि व पूरी प्रक्रिया
✨ ध्यान पुर धाम कहाँ है? (सही रास्ता)
- ध्यानपुर धाम पंजाब में स्थित है।
- जाने का मार्ग:
लुधियाना → जालंधर → ब्यास → बटाला → आगे थोड़ी दूरी पर ध्यानपुर धाम।
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🙏 बाबा लाल जी कौन हैं?
- बाबा लाल जी की आयु 300 वर्ष मानी जाती है।
- कहते हैं कि 100 वर्ष के बाद वह कायाकल्प कर लेते थे और फिर बच्चे बन जाते थे।
- उनकी गद्दी पहले पाकिस्तान में थी, बाद में भारत आई।
- करोड़ों लोगों को संतान सुख देने की मान्यता है।
🌸 संतान प्राप्ति के लिए ध्यानपुर क्यों जाते हैं?
- जिन महिलाओं को कंसीव करने में समस्या हो।
- जिनका पहला बच्चा है लेकिन दूसरा नहीं हो रहा।
- शादी के कई साल बाद भी संतान नहीं – ऐसे परिवार बड़ी संख्या में जाते हैं।
- यहां लड़का/लड़की की इच्छा नहीं, सिर्फ संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
🕉️ स्नान कब होता है? (सबसे महत्वपूर्ण जानकारी)
- स्नान शुक्ल पक्ष के शनिवार को किया जाता है।
- महीने में ऐसे 2 शनिवार आते हैं।
- कब पहुँचना है?
- शनिवार शाम तक पहुंच जाना चाहिए।
- रात 12 बजे तक कीर्तन होता है।
- कीर्तन के बाद आपको सोने भेज दिया जाता है।
- स्नान अगले दिन – रविवार सुबह 3–4 बजे से शुरू।
💧 स्नान की विधि (Bawli Snan)
- स्नान एक पवित्र कुएँ जैसी जगह—‘बावली/बोली' में किया जाता है।
- स्नान से एक रात पहले महिला को नारियल दिया जाता है, जिसे रातभर पास रखना होता है।
- सुबह पंडित जी लाइन बनवाते हैं और क्रम से स्नान कराया जाता है।
- स्नान के बाद पुराने कपड़े वहीं दान कर दिए जाते हैं।
- स्नान के बाद आपको लाल धागे में बंधी 'रख' दी जाती है:
- इसे गले या बाजू में बांधा जाता है।
🍃 नियम व परहेज़
- कोई कठिन नियम नहीं।
- सिर्फ सूतक (जन्म) और पातक (मृत्यु) वाले घर का भोजन नहीं करना।
- डॉक्टर की दवाई या चल रहा इलाज पूरा जारी रख सकते हैं।
- रात भर जागने की कोई बाध्यता नहीं — 12 बजे तक कीर्तन, फिर आराम।
💊 दवाई (Medicinal Prasad)
- स्नान के बाद पंडित जी आपकी स्थिति पूछकर दवाई देते हैं:
- आपका पहला बच्चा है या दूसरा
- लड़का/लड़की पहले है
- दवाई के लिए आपको दोबारा भी बुला सकते हैं।
- सब प्रक्रिया उन्हीं के निर्देश अनुसार चलती है।
⏳ कितने समय में संतान प्राप्ति होती है?
- मान्यता है कि 5 साल के अंदर संतान सुख मिल जाता है।
- यदि किसी से भूल हो जाए, तो 5 वर्ष बाद दोबारा स्नान कर सकते हैं।
- हजारों महिलाओं ने 2–4 साल में कंसीव होने के अनुभव बताए हैं।
👩 कौन-कौन जा सकता है?
- हर धर्म, जाति, परिवार की महिलाएँ जा सकती हैं।
- गुरु मानना अनिवार्य नहीं — बाबा लाल जी सबकी झोली भरते हैं।
- रोज़ाना 5,000–7,000 महिलाएँ स्नान करती हैं (अब भीड़ और बढ़ गई है)।
🔴 धागा/रख के बारे में
- स्नान के बाद दी गई रख (राख/भस्म) लाल धागे में बांधी जाती है।
- गले या बाजू—जहाँ सुविधाजनक हो।
- अगर किसी ने पहले से कोई धागा बांधा हो—
→ इसका निर्णय वहीं पंडित जी बताते हैं
